Posts

Showing posts from June, 2021

Classical Dance of India

Image
भारतीय शास्त्रकारों के अनुसार नृत्य संगीत का एक महत्वपूर्ण भाग है। नृत्य एक ऐसी कला है जो संगीत को एक चेहरा प्रदान करती है। आमतौर पर भी किसी संगीत के कार्यक्रम में जानबूझ कर नृत्य के कार्यक्रम आरम्भ और अंत में रखे जाते हैं क्योंकी अक्सर देखने वालो की रुचि गायन अथवा वादन से अधिक नृत्य में होती है। भारत की वैविध्यपूर्ण संस्कृति में लोक नृत्यों एवं शास्त्रीय नृत्यों का स्थान महत्त्वपूर्ण है। यहाँ की शास्त्रीय नृत्य शैलियाँ प्राचीन एवं परम्परागत हैं साथ ही अलग-अलग राज्यों से सम्बंधित अलग-अलग नृत्य शैलियाँ उस राज्य की विशेषताओं और इतिहास को भी बताने वाली हैं अतः ये नृत्य शैलियाँ केवल कला मात्र न होकर संस्कृति और परंपरा की वाहक भी हैं।  भारत में शास्त्रीय नृत्य की सात शैलियाँ जानी प्रमुख रूप से जाती हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है।  कथक  कथक मुख्य रूप से उत्तर भारत का शास्त्रीय नृत्य है लेकिन वर्तमान समय में सम्पूर्ण भारत और दुनिया के अन्य बड़े देशों में भी इसका काफी प्रचार है। कथक के बारे में कहा जाता है कि, "कथनं करोति कथकः" अर्थात कथा कहने वाला ही कथक है। कथक शब्द की उत्पत्

Best Romantic poetry जिस दिन से वो हमसे खफ़ा हो गए

Image
जिस दिन से वो हमसे खफ़ा हो गए  हाल अपना ना पूछो के क्या हो गए  अज़नबी हो चुके थे ज़माने से अब  खुद अपने ही घर मेहमाँ हो गए।  वो गए रूठ कर पर अकेले नहीं  जो मेरा था वो सब साथ लेते गए  नींद,साँसें, सुकूँ उनके पीछे गया  रात से ख्वाब भी बेवफ़ा हो गए।  भूल पाना उन्हें इतना आसाँ नहीं  और मनाऊँ उन्हें भी तो कैसे भला  अक़्ल मारी गयी है कुछ यूँ इश्क़ में  दायरे से अकल के दफ़ा हो गए।  नूर हटता नहीं है उनका निगाह से  जबकि देखे उन्हें एक अरसा हुआ  उनकी नज़र-ए -इनायत पे ज़िंदा थे हम  ऐसी फेरी नज़र के बेशिफ़ा हो गए।   Madhuryaa

Odissi Dance (ओडिसी नृत्य )

Image
परिचय एवं इतिहास  "ओडिसी" भारत के उड़ीसा राज्य की शास्त्रीय नृत्य शैली है। पुरातात्विक प्रमाणों के आधार पर ओडिसी को सर्वाधिक प्राचीन भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैली माना गया है। उड़ीसा की रानी गुम्फा में मिली मूर्तियां, नृत्यमय मुद्रा का प्रथम प्रमाण हैं। जिनमे पार्श्व संगीत के वृन्द को भी साथ में दर्शाया गया है। विद्वानों ने इस गुफा और इसमें उकेरी गयी मूर्तियों का समय नाट्य शाश्त्र के भी पूर्व का बताया है।  नाट्य शाश्त्र नृत्य के चार क्षेत्रीय प्रकारों का उल्लेख करता है।  1. अवन्ति     2. पांचाली     3. दक्षिणात्य     4. औड्रमागधी   इसी ग्रन्थ के आधार पर यह पता चलता है कि, औड्रमागधी शैली का प्रचार अंग, बंग, कलिंग, वत्स, औड्र, मगध और भारत के पूर्वी अंचल के कुछ क्षेत्रों में था। कलिंग एवं औड्र वर्तमान उड़ीसा के अंतर्गत आते हैं। अतः ऐसी संभावना लगती है कि, भारत के इस क्षेत्र में लगभग 2000 वर्ष पूर्व ही नृत्य की एक शैली अपना स्वरुप ले चुकी थी।  इसा पूर्व दूसरी शती का ब्राह्मी लिपि में लिखा हुआ एक विवरण उपलब्ध है जो उड़ीसा में नृत्य  होने को प्रमाणित  करता है यह जैन शासक खारवेल के समय का

Manipuri dance : Introduction and Technique

Image
Manipuri Dance Introduction (मणिपुरी : संक्षिप्त परिचय) मणिपुर वासियों  सम्पूर्ण जीवन संगीत एवं नृत्यमय है, जहां जन्म से लेकर मृत्यु तक सारे सामाजिक एवं धार्मिक उत्सव संगीत एवं नृत्य के साथ मनाये जाते हैं। मणिपुर में बलि देवता एवं गृह देवता के पूजा के साथ ही '' माइबिया '' के नृत्य की परंपरा करीब 2000 वर्ष पुरानी है।  पारम्परिक एवं धार्मिक नृत्यों के अंतर्गत " माइबा " एवं '' माईबी '' ( क्रमशः पुजारी एवं पुजारिन ) द्वारा किया जाने वाला नृत्य " माईबी जागोई " आता है।  यह बिलकुल श्वेत वस्त्रों में देवता को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इसके अतिरिक्त स्थानीय दन्त कथाओं पर आधारित नृत्य युगल रूप में प्रस्तुत किये जाते हैं जो कि, '' लाइ हरोबा " और "खम्बा तोइबी " नाम से जाने जाते हैं। मेइती समुदाय में प्रचलित इन धार्मिक नृत्यों पर शैव मत का प्रभाव है।  18 वीं शती में जब वहाँ के राजा गरीब निवास ने वैष्णव धर्म अपनाने की आधिकारिक घोषणा की, तब से संकीर्तन और रास लीला का प्रचलन हो गया और राधा-कृष्ण की प्रेम कथाएं एवं कृष्ण

kathakali dance : Introduction, technique, makeup and costume

Image
कथकली भारत के दक्षिण-पश्चिम में स्थित केरल की मौलिक शास्त्रीय नृत्य-नाटिका है। "कथकली"  शब्द, दो शब्दों "कथा" एवं "कलि" से मिलकर बना है। संस्कृत में कथा का अर्थ है कहानी तथा "कलि" द्रविड़ भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है खेल। इस प्रकार कथा बताने वाला खेल कथकली है।  केरल में नृत्य का प्राचीनतम रूप मंदिरों में होने वाले धार्मिक कृत्यों से जुड़ा हुआ है। कथकली में पहनी जाने वाली वेशभूषा इन धार्मिक कृत्यों में पहनी जाने वाली वेशभूषा से समानता रखती है। फिर भी कथकली में प्रयुक्त होने वाले मुकुट, अलङ्कार और वेशभूषा इस प्राचीन वेशभूषा से अधिक परिष्कृत और कलात्मक होती है। इसके शिक्षण के दौरान अभी भी युद्धकला के स्टेप्स सिखाये जाते हैं। धार्मिक नृत्यों के अतिरिक्त केरल में संस्कृत नाटकों को प्रस्तुत करने हेतु एक विधा का विकास हुआ जो "कुड़िआट्टम" नाम से जानी गयी और इसी से कथकली की उत्पत्ति मानी जाती है।   कथकली की उत्पत्ति  18वीं शती में कालीकट के जामोरिन राजाओं में से एक ने नृत्य के लिए एक काव्य की रचना की और उसे "कृष्ण-नाटकम" कहा। इसका अभिनय

Definition of music in hindi

Image
 Music अथवा संगीत मानव सभ्यता का वो सुन्दर अंग है जिसकी प्रेरणा इंसान को यद्यपि प्रकृति से ही मिली है लेकिन  अपनी  बुद्धि एवं सृजनात्मक शक्ति से मनुष्य ने इसे एक विशिष्ट कला का रूप दे दिया है। एक ऐसी कला जो दर्शाती है कि  मानव अन्य जीवों  से न सिर्फ श्रेष्ठ है बल्कि उसमे एक ऐसी प्रतिभा है जो ईश्वर अथवा किसी आनंदमयी शक्ति और ऊर्जा के होने का आभास कराती है। समस्त विश्व में मानव जहाँ -जहाँ  भी बसा हुआ है किसी न किसी रूप में वंहा संगीत भी अस्तित्व में है। संगीत की भाषा इसका प्रयोग अवं प्रस्तुतीकरण सब पर स्थान एवं परंपरा का प्रभाव साफ़ तौर पर देखा जा सकता है।  आम तौर पर जब भी हम संगीत शब्द सुनते हैं तो हमारे मस्तिष्क में कोई मधुर सी ध्वनि/आवाज़ आती है यह आवाज़ किसी पक्षी की हो सकती है, किसी वाद्य यन्त्र की हो सकती है या फिर किसी सुरीले व्यक्ति के द्वारा गाये जाने वाले किसी गीत की, इस आधार पर हम ये तो समझ ही  सकते हैं की संगीत क्या है ? जी हाँ कोई भी आवाज़ जो हमारे कानो को अच्छी लगे वह संगीत हो सकती है। लेकिन ज़रा रुकिए और सोचिये क्या यही संगीत की सटीक परिभाषा है? नहीं क्योंकि किसी प्रिय व्यक्ति