Posts

Showing posts from May, 2021

Best love shayari for friends and couples एक दोस्त जो तुम सा मिले

Image
ज़िन्दगी की राह पर, थे डगमगाते हम चले  गिर पड़े जब चोट खाकर, बैठकर थे सोचते  उठ के खड़े हो जायेंगे, एक बार तू आवाज़ दे  फिर हाथ थामे चल पड़ें, एक दोस्त जो तुम सा मिले।  मिट गयीं हैं चाहते सब, ख़ाक में हम हैं सने  दफ़न करके ख्वाहिशों को, दफ़न खुद होने चले  पर तेरी यादों की लौ, अब भी बढ़ाती हौंसले  ख्वाहिशें फिर जी उठें, एक दोस्त जो तुम सा मिले।  ज़िन्दगी की आज़माइश, में भिड़े तो हम भी थे  सैकड़ों तूफ़ान में, डटकर खड़े तो हम भी थे  टूट कर बिखरे थे, जब तूने बढ़ाये फ़ासले  हो सके जुड़ जाएँ फिर, एक दोस्त जो तुम सा मिले।  बंद है हर रास्ता, हम बेसहारा हैं खड़े  गर्दिशों में जान है अब, हाल क्या किससे कहें  हर सफर तुम से शुरू था, तुमसे ही थीं मंज़िलें  पा लू सब जो खो दिया, एक दोस्त जो तुमसे मिले।  Madhuryaa  

Kuchipudi dance

Image
कुचिपुड़ी नृत्य  कुचिपुड़ी भक्तिधारा से निकली एक शास्त्रीय नृत्य शैली है। यह भारत के आंध्र प्रदेश से सम्बंधित मानी जाती है, हालांकि वर्तमान समय में समस्त भारतवर्ष और दुनिया के कई हिस्सों में इस शैली को जाना जाता है परन्तु इसका मूल दक्षिण भारत ही है। कुचिपुड़ी नृत्य की उत्पत्ति किस समय हुई इसके विषय में कोई ठोस प्रमाण उपलब्ध नहीं है परन्तु ऐसी मान्यता है कि, 18वीं शती में भक्तिवाद के प्रचार के साथ ये अस्तित्व में आया। उस समय जनसामान्य के   बीच प्रचलित संगीत में भजन, कीर्तन, हरिकथा, कालक्षेप इत्यादि की ही कड़ी में कुचिपुड़ी भी लोगों तक संगीत और आध्यात्म के मिले जुले माध्यम के रूप में पंहुचा होगा ऐसी मान्यता है।  कुचिपुड़ी नृत्य के विकास में श्री तीर्थ नारायण यति और उनके शिष्य सिद्धेन्द्र योगी का अत्यंत महत्तवपूर्ण योगदान है।तीर्थ नारायण बचपन से ही नृत्य-सगीत के शौक़ीन थे और वे भगवान् श्री कृष्ण के भक्त भी थे। उन्हें भगवान् श्री कृष्ण की लीलाओं का गान करना अच्छा लगता था। उन्होंने एक म्यूजिकल ओपेरा की रचना की जिसका नाम कृष्ण लीला तरंगिणी रखा। अपने कुछ शिष्यों को उन्होंने प्रशिक्षण दिया और मंदिर म

love quotes

Image
 

Love quotes

Image
 

गुनाह

Image
क्या ख़्वाबों का रंगीन होना गुनाह है  या इंसानों का जहीन होना गुनाह है कायरता समझते है लोग मधुरता को क्या जुबान का शालीन होना गुनाह है  खुद का नजर लग जाती है क्या हसरतों का हसीन होना गुनाह है  लोग इस्तेमाल करते है नमक की तरह क्या आसुओं का नमकीन होना है दुस्मनी हो जाती है सैकड़ों से क्या इंसान का बेहतरीन होना गुनाह है लोग जल जाते है निहार कर जोड़ें को क्या उनका संगीन होना गुनाह है                                                          सुनील गावस्कर

मसीहा

इन मौतो की दौर मे एक मसीहा आया है। हर प्यासे गरीब की  प्यास बुझाने एक मसीहा आया है। हर भूखे बच्चे की  भूख मिटाने एक मसीहा आया है। हर बिलखती बहन की साज बचाने एक मसीहा आया है। हर रोती मां के वीर लाल को बचाने एक मसीहा आया है। हर कराहते बच्चे के  चेहरे पर मुस्कान लाने एक मसीहा आया है। हर निहारती अर्धांगिनी की पति की जान बचाने एक मसीहा आया है। हर पिता के टूटते  अरमान जगाने एक मसीहा आया है। सांसों की खोज में दर दर भटकते  हर भाई की उम्मीद जगाने एक मसीहा आया है। धर्मो के इस जंग में हर मतभेद मिटाने एक मसीहा आया है । अंधेरे में डूबते इस देश की साख बचाने एक मसीहा आया है । हर उम्मीद की उम्मीद जगाने एक मसीहा आया है । हर दर्रे दर्रे में एक मसीहा छाया हैं हा जी कोई और नहीं मसीहा सोनू सूद आया है।                                           सुनील गावस्कर