उत्तर प्रदेश की लोक कलाओं में "धोबिया नाच " हमारा देश विविधताओं का देश है। यहाँ एक बड़ी मशहूर कहावत है "कोस कोस पर पानी बदले चार कोस पर बानी" अर्थात यहाँ पर ३. १२ किलोमीटर के बाद पानी बदल जाता है तथा १२.४८ किमी के बाद भाषा बदल जाती है। इस आधार पर आप बेहतर अंदाज़ा लगा सकते है, की भारत वर्ष कितनी विविधताओं को अपने में समाहित किये है,लेकिन इसके मूल में सिर्फ और सिर्फ भारतीयता है। इन सारी विभिन्नताओं में भी पास -पड़ोस में भिन्नतावों के बावजूद काफी कुछ समानताएं भी पायी जाती है। इन्ही कुछ भिन्नतावों एवं कुछ समानतावो के आधार पर देश को विभिन्न राज्यों में विभाजित किया गया है। अगर राज्यों के आधार पर देखा जाय तो हर राज्य की अपनी विशेष सांस्कृतिक, सामाजिक एवं भाषागत पहचान है। इसी प्रकार विभिन्न राज्यों की अपनी विशेष लोक विधाएँ हैं , जिनसे उन राज्यों की पहचान है। जैसे राजस्थान का घूमर , ख्याल , पंजाब का भंगड़ा , गिद्धा , गुजरात का डांडिया , महाराष्ट्र का लावणी आदि लोक विधाएँ हैं , जिनसे उन राज्यों की पहचान भी है। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश में भी प्रदर्शन कलाओं में भी क...
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