Best romantic, love shayari फ़िज़ाओं में इश्क
बंद गिरहें आज दिल की सारी खोल दो
अनकहा कुछ दरम्यां न रहे, सब बोल दो।
एक अर्से बाद, आज हम मिले हैं
कर दो बयां, मन में जो भी गिले हैं।
शिकवे, शिकायतें, नाराज़गी सब जता दो
मेरे काबिल कोई सजा हो तो वो भी बता दो।
करो थोड़ा तो रहम, मेरी वफाओं का कुछ तो मोल दो
अपनी नफरतों को, मेरी मजबूरियों संग तोल दो।
जो तुम जीतो तो क़त्ल कर देना मुझे बेरहमी से
जो हार जाओ तो करीब आके फ़िज़ाओं में इश्क घोल दो।
Madhuryaa

Thank you 😍
ReplyDeleteGhazab...
ReplyDeletevery nice
ReplyDeleteThank you so much ☺
DeleteThank you so much 😊
DeleteWow very nice line
ReplyDeleteAwesome
ReplyDeleteVery beautiful lines
ReplyDeleteGood
ReplyDeleteVery Nice
ReplyDeleteवाह बहुत खूब शानदार
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