Best Romantic poetry for him अच्छा लगता है
अच्छा लगता है, जब बुलाते हो तुम मुझे, मेरा नाम लेकर।
रूह को बाँध लेती है, एक अनजानी सी डोर
खींच लाती है मुझे अनायास ही तुम्हारी ओर।
सोचती हूँ रोक लूँ खुद को इस अनजानी राह पर बढ़ने से
कुछ हासिल नहीं है झूठे ख्वाब गढ़ने से।
मुझे मालूम है होना है नाक़ाम ही
फिर क्या फायदा है इश्क का इम्तेहान देकर।
फिर भी अच्छा लगता है, जब बुलाते हो तुम मुझे,
मेरा नाम लेकर।
Madhuryaa

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