Posts

Information about Karadi Majalu Dance in Hindi

Image
करड़ी मजलु या करडी मजलु   (Karadi Majalu) मुख्य रूप से भारत के कर्नाटक राज्य से सम्बद्ध लोक कला है।यह कर्णाटक की सबसे प्राचीन लोक कलाओं में से एक है। यह प्रायः पुरुषों द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। इसमें पुरुषो का एक समूह जिसमे लगभग 9 सदस्य होते हैं, यंत्रों को समन्वित रूप से बजाते हैं और साथ ही थोड़ा बहुत नृत्य भी करते हैं। परन्तु करडी मजलु कोई नृत्य कला नहीं है बल्कि यह एक प्रकार का वाद्य वृन्द है जिसमे उत्साहपूर्ण संगीत बजाया जाता है। संगीत के साथ थोड़ा बहुत थिरकना स्वाभाविक है अतः कलाकारों द्वारा नृत्य के कुछ स्टेप्स वादन के साथ-साथ किये जाते हैं। कई बार समूह के सभी कलाकार एक साथ नृत्य के एक जैसे ही स्टेप्स दोहराते हैं जो की प्रस्तुतीकरण को आकर्षक बनाने के लिए होता है जिसे देखने वाले नृत्य समझते हैं इसलिए इस कला को करडी मजलु नृत्य (karadi majalu dance) की संज्ञा देते हैं जबकि यह मुख्य रूप से शुद्ध वाद्य संगीत आधारित लोक कला है।  करडी मजलु में एक व्यक्ति वाद्य के साथ गीत भी गाता है। ये गीत प्रायः भक्तिभाव वाले होते हैं जो कर्णाटक साहित्य वचनों में से लिए जाते हैं जिनकी रचना 12 वीं शताब

Poetry by Madhuryaa

Image
मत जाना हमारे चेहरे की खामोशी पर हम ज़ेहन में तूफान लिए फिरते हैं। हक़ीकत जानते हैं हर बदलते चेहरे की नज़र मे आईनों की दुकान लिए फिरते हैं।  यूँ तो खड़े हैं बुजुर्गियत के दर पर मगर दिल में बचपन के  कुछ अरमान लिए फिरते हैं।   उनसे कह दो न सिखाएँ हमे जिंदगी का हुनर जो खुद चेहरा बेजान लिए फिरते हैं। इश्क-ओ-अमन की बात हो तो आओ बैठो कुछ देर ना आएँ वो जो नफरतों का सामान लिए फिरते हैं।   कई मुल्कों में घर बना लिया, बड़े रईस हो तुम हम तो दुनियाँ भर में हिन्दुस्तान लिए फिरते हैं।   सुनो कोई ऐरा गैरा न समझ लेना हमे तुम हम शायर हैं लफ्ज़ों में सारा ज़हान लिए फिरते हैं। 

Top 5 hindi shayari for shayari lovers

Image
1  मुक़द्दर के शहंशाह हो तुम्हारी बात ही क्या है।  तुम्हारे सामने हम जैसों की औक़ात ही क्या है।  सुना है सो नहीं पाते हो तुम फूलों के बिस्तर पे।  करवटों में गुज़र जाए तो फिर वो रात ही क्या है।  बड़े दिलदार हो महफिल में सबसे हँस के मिलते हो। मगर तनहाइयों में छुपके दिल के ज़ख्म सिलते हो।  न अपनो से कही जाए भला वो बात ही क्या है।  अगर आँखो में ना उमड़े तो फिर जज़बात ही क्या है।  2  छोड़ो दर्द भरे किस्से, प्यार की कहानी हो जाओ।   उठ के ज़मीन के कायदो से, थोड़े से रूहानी हो जाओ।  पुख़्तगी तुम्हारी जानता है ज़माना सारा।  खुद के लिए एक बार फिर बचपन की नादानी हो जाओ।  कह दो जो कहना है, कर लो जो करना है।  खोल के बाँध दिल की हसरतो के, कोई लहर तूफानी हो जाओ।   3  बाज़ी हार गए सारी हम, खिलाड़ी होकर भी  ज़िन्दगी की ताश के थे हम बादशाह भी और जोकर भी  हैं क़ैद बरसो से खुद अपने ज़मीर की सलाखों के पीछे  कोई आज़ाद घूमता है गुनाहों का बोझ ढोकर भी  हमें तो ख्वाब आते हैं हसीं, काँटों पे सोकर भी  हालातों से सीखा है संभलना खा के ठोकर भी  किसी की याद में रोने की फुर्सत ही कहाँ हमको  के अब मशरूफ हैं जीने में हम, अपनों को खो

Kathak Indian Classical Dance

Image
संक्षिप्त परिचय  कथक उत्तर भारत में प्रचलित शास्त्रीय नृत्य शैली है। कथक शब्द की उत्पत्ति कथा से हुई है। कथक की परंपरा प्राचीन है। महाभारत तथा नाट्य शास्त्र में भी कत्थक शब्द मिलता है। पाली शब्दकोष में कथको  शब्द का प्रयोग एक उपदेशक के लिए किया गया है। संगीत रत्नाकर के नृत्याध्याय में जो तेरहवी शताब्दी का ग्रन्थ है कथक शब्द का उल्लेख है। प्राचीन समय में कथावाचक मंदिरों में पौराणिक कथाएँ सुनाया करते थे। कथा के साथ कीर्तन भी होता था जिसपे नट लोग नृत्य प्रस्तुत किया करते थे। समय के साथ नट जाति के लोगों में कुछ बुराइयां आ जाने के कारण इनका समाज से बहिष्कार कर दिया गया। जीविकोपार्जन के लिए इन लोगों ने घूम घूम कर कथा कहना एवं नृत्य करना आरम्भ किया। इन्हें ही बाद में कत्थक या कथक के रूप में जाना गया। चुकि ये लोग नृत्य के सिद्धांतों से परिचित थे तथा भगवान् कृष्ण की लीलाओं से सम्बंधित प्रसंगों पर नृत्य प्रस्तुत किया करते थे अतः भक्त समुदाय से उन्हें यश एवं धन दोनों की प्राप्ति होती रही। कथक का इतिहास  कथक के इतिहास को समझने के लिए दशवीं एवं ग्यारहवीं शती के पहले का इतिहास देखना आवश्यक नहीं है क

Shayari for everyone हम वो हैं

Image
हम वो हैं जो किसी के आने की ख़ुशी और  जाने का ग़म नहीं रखते।  जो तुम चाँद समझते हो ख़ुद को तो हम भी  नूर सूरज से कम नहीं रखते।   बेशक़ तेरी तारीफ करते होंगे तेरे चाहने वाले  हमारे तो दुश्मन भी हमारे ख़िलाफ़  बोलने का दम नहीं रखते।   

New Romantic Shayari वो जो हमसे कतराते रहते हैं

Image
वो जो हमसे कतराते रहते हैं  न जाने किस बात पे इतराते रहते हैं  शायद सोचते हैं कि, हम उनके तलबग़ार हैं  कसम से बहुत बड़ी ग़लतफ़हमी के शिक़ार हैं  किसी से कहा उन्होंने कि, मेरे जैसे उनके पीछे हज़ार हैं  अब क्या बताएं की उनके जैसे भी रोज आते-जाते रहते हैं।    

Beautiful love shayari उन्ही से प्यार करते हैं।

Image
बुलाते हैं कभी हंसकर कभी बेज़ार करते हैं।  न वो इनक़ार करते हैं न ही इज़हार करते हैं।  राज़ दिल के बयां करती हैं सब उनकी हसीं आँखे।   मगर ज़ुर्रत नहीं होती की उनमे जाके हम झाँके।  हैं वो बेशक़ हमें प्यारे जान भी है मगर प्यारी।  है उनकी हर अदा क़ातिल बसी बातों में अय्यारी।  बता सकता है जौहरी ही सही क़ीमत नगीने की।  मुहब्बत में सभी रखते हैं ख़्वाहिश साथ जीने की।     वजह इतनी सी है की हम उन्हें खोने से डरते हैं।  वो हमसे ना सही पर हम उन्ही से प्यार करते हैं।  Madhuryaa