New Romantic Shayari वो जो हमसे कतराते रहते हैं


वो जो हमसे कतराते रहते हैं 

न जाने किस बात पे इतराते रहते हैं 

शायद सोचते हैं कि, हम उनके तलबग़ार हैं 

कसम से बहुत बड़ी ग़लतफ़हमी के शिक़ार हैं 

किसी से कहा उन्होंने कि, मेरे जैसे उनके पीछे हज़ार हैं 

अब क्या बताएं की उनके जैसे भी रोज आते-जाते रहते हैं।   


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