Top 5 hindi shayari for shayari lovers



मुक़द्दर के शहंशाह हो तुम्हारी बात ही क्या है। 

तुम्हारे सामने हम जैसों की औक़ात ही क्या है। 

सुना है सो नहीं पाते हो तुम फूलों के बिस्तर पे। 

करवटों में गुज़र जाए तो फिर वो रात ही क्या है। 


बड़े दिलदार हो महफिल में सबसे हँस के मिलते हो।

मगर तनहाइयों में छुपके दिल के ज़ख्म सिलते हो। 

न अपनो से कही जाए भला वो बात ही क्या है। 

अगर आँखो में ना उमड़े तो फिर जज़बात ही क्या है। 




छोड़ो दर्द भरे किस्से, प्यार की कहानी हो जाओ।  

उठ के ज़मीन के कायदो से, थोड़े से रूहानी हो जाओ। 


पुख़्तगी तुम्हारी जानता है ज़माना सारा। 

खुद के लिए एक बार फिर बचपन की नादानी हो जाओ। 


कह दो जो कहना है, कर लो जो करना है। 

खोल के बाँध दिल की हसरतो के, कोई लहर तूफानी हो जाओ।

 



बाज़ी हार गए सारी हम, खिलाड़ी होकर भी 

ज़िन्दगी की ताश के थे हम बादशाह भी और जोकर भी 

हैं क़ैद बरसो से खुद अपने ज़मीर की सलाखों के पीछे 

कोई आज़ाद घूमता है गुनाहों का बोझ ढोकर भी 


हमें तो ख्वाब आते हैं हसीं, काँटों पे सोकर भी 

हालातों से सीखा है संभलना खा के ठोकर भी 

किसी की याद में रोने की फुर्सत ही कहाँ हमको 

के अब मशरूफ हैं जीने में हम, अपनों को खोकर भी  


आखिर में जाएंगे सब वहीं, मालिक भी नौकर भी 

नसीब में बबूल हो तो क्या करोगे आम बोकर भी 

नहा के आब में चेहरा नूरानी पा लिया तुमने मगर 

कालिख रूह की मिटती नहीं गंगा में धोकर भी। 




हालात ना बदलें अगर तो, खुद ही बदल जाइये।

ज़िन्दगी जिस भी रंग में ढाले, बस ढल जाइये।

सख्ती ज़रूरी नहीं हर वक़्त, थोड़ा सा पिघल जाइये।

उतना ही रूठिये की कोई, बहलाये तो बहल जाइये। 

सीखिए दूसरों की गलतियों से, और संभल जाइये।

हर राह मंजिल को जाती नहीं, आँखे मूँद कर मत चल जाइये।

नफरतों की चिंगारी से ज़रा बच के निकल जाइये।

आग इश्क़ की हो अगर तो बेशक़ खुशी से जल जाइये। 

दुनिया से जाना है सबको ही, आज जाइये या कल जाइये। 

हकीकत-ए -ज़िन्दगी सब जानते हैं तो फिर,जी के हर पल जाइये। 


5



न जाने मिलना कैसे मुमकिन होगा हमारा

मै ज़र्रा-ए-ज़मी, आसमान हो तुम।


पर तुम्हारे सिवा मेरा ठौर भी क्या है

मुझ बंजारे का एक ही बस मकान हो तुम।


माँगू  क्या हसरत किसकी करूँ 

मेरे दिल का इकलौता अरमान हो तुम।


कैसे कहूँ तुम्हारी अहमियत क्या है मेरे लिए

बस इतना ही जान लो कि मेरी जान हो तुम।


दर्द, आँसू, उलझनें, ठोकरे, सब है पहले से

इन सब के बीच राहत भरी मुस्कान हो तुम।



Poetry by Madhuryaa




Comments

  1. बहुत सुंदर रचना वाह वाह 🙏👏👏👏

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