Heart touching romantic shayari Mere Rahoge
नज़र से दूर बहुत दूर चले जाओगे।
पर मेरे ज़हन-ओ-दिल से कैसे निकल पाओगे।
कभी बहते थे मेरी रगों में खून बनकर।
कभी इन आँखों से अश्क बनकर बहोगे।
सुनो, तुम मेरे थे, मेरे हो, मेरे रहोगे।।
कल रौनकें थीं ज़िन्दगी के आसमान पर।
और राज था तुम्हारा मेरे दिल के मक़ान पर।
मेरी ख्वाहिशों का घरौंदा जो तोडा तुमने।
तो तुम भी किसी ज़र्जर इमारत सा ढ़होगे।
सुनो, तुम मेरे थे, मेरे हो, मेरे रहोगे।।
वादा किया था जब जन्मों के साथ का।
भरोसा था मुझे तुम्हारी हर बात का।
तानें, रुसवाइयाँ ज़माने भर की, चुपचाप सही मैंने।
कभी तो कुछ तुम भी सहोगे
सुनो, तुम मेरे थे, मेरे हो, मेरे रहोगे।
मुझ पर उठी हर नज़र पहचानती हूँ मैं।
तुम्हें ऐतबार कम है ज़रा ये भी जानती हूँ मैं।
आज बेशक बेवफा हूँ मैं तुम्हारी नजरों में मगर
वो दिन भी आएगा जब तुम मुझे मिसाल-ए-वफा कहोगे।
सुनो, तुम मेरे थे, मेरे हो, मेरे रहोगे।।
Madhuryaa
Nice
ReplyDeleteBahut achchaa
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